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पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ: संक्षिप्त परिचय

वर्ष 2016 में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी की ‘जन्मशताब्दी’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना की घोषणा की गयी जिसका सन्दर्भ लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस हेतु उच्च शिक्षा अनुभाग- 4 के पत्रांक 1304/सत्तर-4-2017, दिनांक शून्य के माध्यम से सम्यक प्रस्ताव व्यय भार सहित माँगा गया था जिसके सापेक्ष महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली द्वारा प्रस्ताव (पत्रांक: रु0वि0/शैक्षि0/2017, दिनांक 30/08/2017) प्रेषित किया गया।

उपर्युक्त प्रस्ताव पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश शासन के वार्षिक बजट 2017-18 के अनुदान संख्या-73, 2202-मुख्य लेखा शीर्षक, 03-उप मुख्य लेखा शीर्षक, 102-लघु लेखा शीर्षक, 30-विस्तृत मद, 20-सहायता अनुदान (ग़ैर वेतन), 3002-महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया। प्राविधानित राशि सम्बन्धित अनुदान को प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन को पत्र (पत्रांक: रु0वि0वि0/ कु0का0/ 2017/ 4873-74, दिनांक- 28/11/2017) प्रेषित किया गया।

तदुपरांत शासन द्वारा जारी पत्र (पत्रांक: 68/2017/1809/सत्तर -4-2017-1115/2017, दिनांक: 01 दिसम्बर, 2017) के माध्यम से दिनांक 01 दिसम्बर, 2017 को प्रदेश के चौदह विश्वविद्यालयों में एक साथ पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की विधिवत स्थापना को घोषित किया गया जिसमें महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय भी सम्मिलित था। इस पत्र द्वारा प्रति विश्वविद्यालय शोधपीठ की स्थापना हेतु प्राविधानित धनराशि 50 लाख रुपए की घोषणा की गयी जिसकी प्रथम किस्त 25 लाख रुपए भी इसी पत्र के माध्यम से प्रदान किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी।

शोधपीठ की घोषणा सम्बन्धी उपर्युक्त पत्र का सन्दर्भ ग्रहण करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत कार्यालय ज्ञाप (पत्रांक: रु0वि0/शैक्षि0/2018, दिनांक 23/01/2018) के माध्यम से इस विश्वविद्यालय में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना दिनांक 23/01/2018 को की गयी तथा शोधपीठ के संचालन हेतु प्रोफेसर एन0 एन0 पाण्डेय जी तथा डॉ0 ज्योति पाण्डेय जी के रूप में द्विसदस्यीय समिति बनायी गयी, जिन्होंने बाद में शोधपीठ में क्रमशः प्रथम, समन्वयक तथा सह-समन्वयक के रूप में दायित्व निर्वहन किए।

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली परिसर में स्थापित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ अपनी स्थापना की तिथि, दिनांक 23/01/2018 से ही अनवरत पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व, कृतित्व व चिंतन से सम्बन्धित संगोष्ठी, कार्यशाला, व्याख्यान, सिंपोजियम, जागरूकता कार्यक्रम, विविध प्रतियोगिताओं आदि के आयोजन; दीनदयाल जी विचारों पर आधारित प्रकाशन, स्नातकोत्तर व पीएच.डी. स्तर पर दीनदयाल जी से सम्बन्धित शोध कार्य करने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित करने, उनका मार्गदर्शन करने तथा उनके लिए एक व्यवस्थित पुस्तकालय की सुविधा को उपलब्ध कराने आदि कार्यों में संलग्न है। शोधपीठ के पास एक व्यवस्थित पुस्तकालय है जिसमें पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी, भारतीय ज्ञान परम्परा व शोध परक कुल 1055 पुस्तकें विद्यमान हैं जो विद्यार्थियों व शिक्षकों के अध्ययन के लिए उपलब्ध हैं।